भारतीय रक्षा और अर्ध-सैनिक बल
भारतीय सशस्त्र बलों की संरचना को समझना
सशस्त्र बलों (सेना, अर्ध-सैनिक बल, परमाणु कमान इत्यादि) की शीर्ष स्तरीय संरचना निम्नानुसार है :
- सेना : भारतीय सेना में भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना शामिल है। यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है और इसमें विश्व की सबसे बड़ी स्वैच्छिक सेना है। इसके सर्वोच्च सेनापति भारत के राष्ट्रपति हैं। इसके तीनों सेवा अंगों के अपने प्रमुख होते हैं। इसका शीर्ष अधिकारी चीफ ऑफ़ स्टाफ समिति का अध्यक्ष होता है, जो तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे लंबे समय से कार्यरत सेना प्रमुख होता है। ये तीनों सेवाएँ रक्षा मंत्रालय के अधीन होती हैं।
- राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) रक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय थलसेना की शाखा है। यह भारतीय थलसेना के अन्य हिस्सों से प्रतिनियुक्त सैनिकों से निर्मित उग्रवाद-विरोधी और आतंकवाद-विरोधी बल है। आरआर का आधा हिस्सा भारतीय थलसेना के पैदल सेना से प्राप्त किया जाता है और शेष आधा हिस्सा शेष भारतीय थलसेना से लिया जाता है। इस बल को जम्मू कश्मीर में तैनात किया गया है। इसका गठन जनरल सुनित फ्रांसिस रॉड्रिक्स द्वारा किया गया था और वर्ष 1990 में जनरल बी. सी. जोशी द्वारा इस बल को कश्मीर में उग्रवाद से निपटने के लिए और कमजोर स्थानीय सुरक्षा बलों को सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित बल के रूप में संरचित किया गया। इस बल में 65 बटालियनें हैं। एक विशेषज्ञ आतंकवाद-विरोधी बल के रूप में आरआर की प्रतिष्ठा और प्रतिभा आतंकवादियों को सीधे हमला करने से बचने को मजबूर करती है।
- भारतीय तटरक्षक दल (आईसीजी) (एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में तटरक्षक डाक अधिनियम द्वारा वर्ष 1978 में स्थापित) भारत के प्रादेशिक जल प्रदेश पर इसके निकटस्थ क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र सहित भारत के सामुद्रिक हितों का संरक्षण करता है और सामुद्रिक कानून का प्रवर्तन करता है। यह बल रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत है। भारतीय तटरक्षक दल भारतीय नौसेना, मत्स्यपालन विभाग, राजस्व विभाग (सीमाशुल्क) और केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के साथ संयोजन में काम करता है। इसमें 15,714 सक्रिय कर्मी, 163 जहाज और 60 विमान शामिल हैं।
- भारत का परमाणु कमान प्राधिकरण (एनसीए) : यह भारत के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में आदेश, नियंत्रण,और संचालन संबंधी निर्णय की दृष्टि से शीर्ष प्राधिकरण है। एनसीए के निर्देश एयर मार्शल के पद (या उनके समकक्ष) के मुख्य सेनापति (कमांडर-इन-चीफ) के नियंत्रण के तहत रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) द्वारा क्रियान्वित किये जाते हैं।
- अर्ध-सैनिक और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (5 + 1 + 1)
- देश में कुल पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हैं जिनमें कर्मियों की संख्या 8 लाख से अधिक है :
- सीमा सुरक्षा बल (सीसुब), [संख्या लगभग 2.6 लाख]
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), [संख्या लगभग 1.2 लाख]
- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जिसमें त्वरित कार्यवाही बल (आरएएएफ) और कोब्रा भी शामिल है, [सख्या लगभग 3.1 लाख]
- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), [संख्या लगभग 0.75 लाख], और
- सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) [संख्या लगभग 0.75 लाख]
- देश में असम राइफल्स (एआर) नामक एक केंद्रीय अर्ध-सैनिक बल भी है
- ये छह बल (5 + 1) गृह मंत्रालय के अधीन हैं
- सातवाँ बल एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) है, जो 100 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति बल है
- इनमें से एआर, सीसुब, आईटीबीपी, और एसएसबी ‘सीमा सुरक्षा बल’ हैं, जबकि इआरपीएफ की तैनाती राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के तहत कानून व्यवस्था बनाए रखने, आतंरिक सुरक्षा और उग्रवाद-विरोधी कार्यवाहियों से संबंधित नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए की जाती है
- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के अधिकारियों के अपने कैडर होते हैं, परंतु इनका नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
- त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और कोब्रा सीआरपीएफ के ही अंग हैं – आरएएफ 10 बटालियन वाला दंगा-विरोधी बल है जिसे सांप्रदायिक हिंसा पर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है ; कमांडो बटालियन दृढ़ कार्रवाई (कोब्रा) एक 10 बटालियन वाला नक्सल-विरोधी / सीओआईएन (उग्रवाद-विरोधी) बल है।
- केंद्रीय पुलिस बल (“संघीय पुलिस”) : अंडमान एवं निकोबार पुलिस, चंडीगढ़ पुलिस, दिल्ली पुलिस, दादरा एवं नगर हवेली पुलिस, दमन एवं दीव पुलिस, नगर-सैनिक (होम गार्ड), लक्षद्वीप पुलिस, पुडुचेरी पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), और सिशेष सुरक्षा बल (एसपीजी) ।
- सीमा सुरक्षा : सीमाओं पर सुरक्षा बलों की तैनाती “एक सीमा, एक सीमा-सुरक्षा बल” के सिद्धांत पर की जाती है। तदनुसार, प्रत्येक सीमा की सुरक्षा एक विशिष्ट सीमा सुरक्षा बल को सौंपी गई है।
- बांग्लादेश और पाकिस्तान सीमा के लिए सीमा सुरक्षा बल (सीसुब)
- चीन की सीमा के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
- नेपाल और भूटान सीमा के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
- म्यांमार सीमा के लिए असम राइफल्स
- उपरोक्त के अतिरिक्त, भारतीय थलसेना एलओसी पर पाकिस्तान के साथ लगने वाली भूमि सीमा और एलएसी पर चीन के साथ लगने वाली सीमा की सुरक्षा करती है, और भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल को तटीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, जहाँ राज्य (समुद्री) पुलिस दूसरी रक्षा पंक्ति के रूप में सहायता करती है।
भारतीय सशस्त्र बलों (सेना) का प्रतीक चिन्ह है
तीनों सेवाएँ (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) उनके स्वयं के ध्वजों और प्रतीक चिन्हों द्वारा पहचानी जाती हैं
भारतीय सशस्त्र बलों की गौरवशाली परंपरा, हमेशा !
भारतीय तटरक्षक बल भारत की तटीय सीमाओं की सुरक्षा करता है
राष्ट्रीय राइफल्स की कलगी
भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों / अर्ध-सैनिक बलों को समझना
यह वर्गीकरण उलझन भरा हो सकता है। निश्चित ही यह था। अतः वर्ष 2011 में एक स्पष्टीकरण जारी किया गया, जैसा नीचे दर्शाया गया है :
मुख्य अंतर : सेना बनाम केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल / अर्ध-सैनिक बल
- इस पदानुक्रम में सेना शीर्ष पर है, परंतु रक्षा पंक्ति में दूसरे स्थान पर है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल / अर्ध-सैनिक बल अशांत क्षेत्रों से निपटने या गोलियों का सामना करने की दृष्टि से पहले स्थान पर हैं।
- सेना का अपना स्वतंत्र रक्षा बजट होता है (इस पृष्ठ पर आगे दर्शाया गया है), परंतु केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों / अर्ध-सैनिक बलों के लिए कोई समेकित राशि नहीं होती। आवंटित निधियां भी गृह मंत्रालय वापस ले सकता है।
- सेना के कर्मियों के लिए मृत्यु पर शहीद का दर्जा। कार्यवाही में मृत्यु से अर्धसैनिक बलों / सीएपीएफ कर्मियों को ये सम्मान नहीं मिलता।
- सेना की ज़िम्मेदारी शांति और मैदानी नियुक्ति के बीच बदलती रहती है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों / अर्ध-सैनिक बलों की तैनाती आवश्यकता-आधारित होती है, इसका अर्थ यह है कि वे बहुत लंबे समय तक मैदान पर रखे जा सकते हैं !
- सेना में पदोन्नतियां अनुभव के आधार पर होती हैं। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों / अर्ध-सैनिक बलों में ऐसे अधिकारियों को भी पदोन्नत किया जा सकता है जिन्हें कोई वास्तविक लड़ाई का अनुभव नहीं है।
- सशस्त्र सेनाएं रक्षा मंत्रालय के अधीन होती हैं। अन्य सभी बल गृह मंत्रालय के अधीन होते हैं।
असम राइफल्स (एआर)
सीमा सुरक्षा बल (सीसुब)
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)
वर्ष 1939 में नीमच (मध्यप्रदेश) में “ताज प्रतिनिधि पुलिस” के रूप में स्थापित इस बल का नाम वर्ष 1947 के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल रखा गया। यह आतंरिक सुरक्षा, प्रदान करता है नक्सल गतिविधियों से मुकाबला करता है, पुलिस परिचालन को सहायता प्रदान करता है, संयुक्त राष्ट्र शांतिसेना अभियानों में सहायता करता है वर्ष 1965 तक भारत-पाकिस्तान सीमा को सुरक्षा प्रदान करता था। वर्ष 2001 के संसद हमले के दौरान सीआरपीएफ ने पांच आतंकवादियों को मारा और भारतीय नेताओं की रक्षा की।
सीआरपीएफ सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा बल है, जिसकी 245 बटालियनों में 3,25,000 कर्मी हैं।
त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और दृढ़ कार्रवाई के लिए कमांडो बटालियन (कोबरा) सीआरपीएफ के विशेषज्ञ बल हैं जिनका प्रमुख कार्य दंगों, वामपंथी उग्रवाद / अन्य उग्रवाद से निपटना है।
त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) – वर्ष 1992 में सीआरपीएफ की 10 बटालियनों को चिन्हित किया गया और इन्हें त्वरित कार्रवाई बल की 10 बटालियनों और 4 कंपनियों में परिवर्तित किया गया। आरएएफ सांप्रदायिक दंगों और ऐसी अन्य स्थितियों में प्रभावी आक्रमण बल है। इन 10 बटालियनों को देश के 10 सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थानों में स्थित किया गया है ताकि ऐसी किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने का कार्य सुविधाजनक बनाया जा सके, और ये बटालियनें एक महानिरीक्षक के पर्यवेक्षण के अंतर्गत कार्यरत हैं।
आरएएफ की तैनाती की स्थिति : तेलंगाना के रंगारेड्डी में 99 आरएएफ, गुजरात के अहमदाबाद में 100 आरएएफ, उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में 101 आरएएफ, महाराष्ट्र के नवी मुंबई में 102 आरएएफ, दिल्ली के वजीराबाद में 103 आरएएफ, उत्तर प्रदेश के अलीगढ में 104 आरएएफ, तमिलनाडु के कोयंबटूर में 105 आरएएफ, झारखंड में जमशेदपुर में 106 आरएएफ, मध्यप्रदेश के भोपाल में 107 आरएएफ, उत्तर प्रदेश के मेरठ में 108 आरएएफ।
कोब्रा : वर्ष 2008 में सरकार ने सीआरपीएफ में विशेषज्ञ बल कोब्रा (दृढ़ कार्रवाई के लिए कमांडो बल) की 10 बटालियनों की स्थापना की अनुमति दी। ये बटालियनें कमांडो परिचालन और गुरिल्ला / जंगल युद्ध का कार्य करती हैं, और इनकी तैनाती मुख्य रूप से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में की गई है। आरएएफ की ही तरह ये बटालियनें भी महानिरीक्षक के पर्यवेक्षण के अधीन कार्य करती हैं।
The Rapid Action Force
कोब्रा बल
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी)
यह बल उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा करता है, यह अवैध आप्रवासन और सीमा-पार तस्करी को नियंत्रित करता है, भारत-तिब्बत सीमा और पर्वतीय क्षेत्रों की सुरक्षा करता है, इसे आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है, साथ ही इसे अनेक अभियानों में संयुक्त राष्ट्र शांतिसेना में भी अनेक स्थानों पर तैनात किया गया है।
आईटीबीपी की स्थापना वर्ष 1962 के चीनी आक्रमण के मद्देनजर 04 बटालियनों के एक मध्यम संख्याबल के साथ एक एकीकृत “गुरिल्ला –सह- ख़ुफ़िया-सह-लड़ाकू बल” के तहत की गई थी, जो रसद,संचार और ख़ुफ़िया जानकारी संग्रह के मामले में आत्मनिर्भर है। यह अब एक पारंपरिक सीमा सुरक्षा बल है। आज आईटीबीपी 3,488 कि मी लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करता है, और इसकी तैनाती 9,000 फुट से 18,750 फुट की ऊंचाई वाले हिमालय के निकटस्थ भारत-चीन सीमा के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में, लद्दाख के काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश के जेपचेक ला तक 18,176 फुट ऊंचाई पर स्थित 169 सीमा-चौकियों में की गई है। आईटीबीपी की तैनाती छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी की गई है। इस बल की कुल मंजूर संख्या 89,430 है।
आईटीबीपी के कमांडो की तैनाती अफगानिस्तान में भी की गई है जहाँ यह काबुल स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा करता है, और जलालाबाद, कंधार, मजार-ए-शरीफ और हेरात स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास की सुरक्षा करता है। आईटीबीपी के कर्मियों को अफगानिस्तान के हेरात स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास पर 23 मई 2014 में हुए फियादीन हमले में निभाई गई उनकी भूमिका के लिए वर्ष 2015 में “शौर्य के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक” प्रदान किया गया था वर्ष 2015 में
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी)
यह एक 100 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति बल है और इसके सभी कर्मियों की नियुक्ति भारतीय सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राज्य पुलिस बलों और अन्य संगठनों से प्रतिनियुक्ति पर की जाती है। इन्हें नामित व्यक्तियों को मोबाइल सुरक्षा प्रदान की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसकी स्थापना से ही एनएसजी ने अनेक कार्रवाइयाँ की हैं जिनमें सितंबर 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर की कार्रवाई, और वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान ताज होटल, ओबेरॉय ट्राईडेंट होटल और नरीमन हाउस की कार्रवाई शामिल हैं।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी)
(पूर्व का विशेष सेवा ब्यूरो)
(पूर्व का विशेष सेवा ब्यूरो)
भारतीय तटरक्षक दल
संपूर्ण केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों इत्यादि पर किया गया व्यय
(वर्ष 2003 से वर्ष 2016 तक)
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (अर्ध-सैनिक बलों) में महिलाऐं
भारतीय सेना के लिए रक्षा बजट (रक्षा मंत्रालय)
भारत की शान
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Advanced Light Helicopters - Dhruv
Fast Patrol Vessels - FPVs
Chetak helicopters
संपूर्ण केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों इत्यादि पर किया गया व्यय
(वर्ष 2003 से वर्ष 2016 तक)
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (अर्ध-सैनिक बलों) में महिलाऐं
भारतीय सेना / सशस्त्र सेनाएं – समग्र संख्याबल
भारतीय सैन्य बलों के कमीशन प्राप्त अधिकारियों के पद
भारतीय सेना के लिए रक्षा बजट (रक्षा मंत्रालय)
भारत की शान
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